शरीर में किसी भी कारण से उष्णता बढ़ने पर पसीना निकलता है या रक्त स्राव होता है। यह उष्णता पित्त कुपित रहने से भी बढ़ सकती है जिसका कारण पित्त कुपित करने वाले आहार का अति सेवन करना होता है या बाहरी उष्णता का अति संयोग और प्रभाव होना होता है। जैसे तेज़ आंच से दूध उफन कर बर्तन से बाहर आ जाता है वैसे ही पित्त के सतत और अति प्रभाव से रक्त पर पित्त का प्रभाव हो जाता है
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