नव मास चिकित्सा

नव मास चिकित्सा

आयुर्वेदिक ग्रन्थ चरक संहिता के शारीरस्थानम् नामक आठवें अध्याय में विस्तार से नवमास चिकित्सा का विधि-विधान प्रस्तुत किया गया है। उसे ज्यों का त्यों प्रस्तुत न करके सरल भाषा-शैली में यहां प्रस्तुत कर रहे हैं ताकि पाठिकाओं को इसे समझने में असुविधा न हो। इस चिकित्सा के अन्तर्गत गर्भकाल के आरम्भ से प्रसव होने तक की अवधि में प्रतिमास अलग-अलग ढंग से कुछ औषधियों एवं आहार द्रव्यों का सेवन करना होता है।

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