शिशु को जन्म देते समय प्रसूता को न सिर्फ असहनीय पीड़ा ही सहनी पड़ती है बल्कि रक्तस्राव और पीड़ा की अधिकता के प्रभाव से हलकान हुई नव-प्रसूता बहुत कमज़ोर भी हो जाती है। ऐसी स्थिति में यदि उसे उचित आहार-विहार कराया जाए तो न सिर्फ उसका शरीर ही फिर से पुष्ट और सबल हो जाएगा बल्कि उसका रूप-सौन्दर्य पहले से भी अधिक बढ़ जाएगा। यह पति एवं पूरे परिवार का परमपुनीत कर्तव्य है
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