कारण - इसे पूयमेह भी कहते हैं। ऋतुमती स्त्री या वेश्या के साथ सहवास करने, शराब और तेज़ मसालेदार पदार्थों के सेवन और इस रोग के रोगी के साथ रहने से यह रोग उत्पन्न होता है। यह उपदंश और गरमी रोग जैसा ही है पर उससे अलग और संक्रामक (छूत का) रोग है। इस रोग से ग्रस्त स्त्री या पुरुष के साथ सहवास करने वाले को यह रोग पकड़ लेता है
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