योनि मार्ग में शोथ, जलन, घाव, दुर्गन्ध आना, लाली होना, सहवास में कष्ट होना, खुजली या कोई संक्रमण (इन्फेक्शन) के प्रभाव से चिटचिटाहट होना आदि उपद्रवों को दूर करने के लिए धातक्यादि तैल' का फाहा प्रतिदिन योनि में रखने से सब उपद्रव नष्ट हो जाते हैं। परीक्षित है। यह तैल ‘श्री कृष्ण गोपाल आयुर्वेद भवन, कालेड़ा अजमेर का बना बाज़ार में मिलता है।
मूल्य : 20