पेशाब की जलन

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तेज़ धूप में घूमने, ग़लत आहार-विहार के कारण शरीर में उष्णता व खुश्की बढ़ने आदि कारणों से पेशाब में जलन होने लगती है, पेशाब में पस सेल्स जाते हों तो भी जलन होती है और भयंकर जलन के साथ बूंद-बूंद करके पेशाब होती है। ऐसी स्थिति में निम्नलिखित उपाय करना चाहिए।

ठण्डे पानी में तौलिया या कोई मोटा कपड़ा भिगो कर निचोड़ लें। 

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तेज़ धूप में घूमने, ग़लत आहार-विहार के कारण शरीर में उष्णता व खुश्की बढ़ने आदि कारणों से पेशाब में जलन होने लगती है, पेशाब में पस सेल्स जाते हों तो भी जलन होती है और भयंकर जलन के साथ बूंद-बूंद करके पेशाब होती है। ऐसी स्थिति में निम्नलिखित उपाय करना चाहिए।

ठण्डे पानी में तौलिया या कोई मोटा कपड़ा भिगो कर निचोड़ लें। इस कपड़े को नाभि के नीचे वाले तरेट भाग पर रख कर लेटे रहें। इस प्रयोग से जलन में बहुत जल्दी आराम होता है।

प्रातःकाल आधा दूध आधा पानी एक गिलास में डाल कर २ चम्मच शक्कर घोल कर फेंट लगाएं और पी जाएं। चाय पीना बन्द कर दें। दोपहर में एक गिलास ठण्डे पानी में नीबू निचोड़ कर २ चम्मच शक्कर घोल लें और पी जाएं। इस प्रयोग से जलन बन्द हो जाती है।

चन्दन के शुद्ध असली तैल की ३-४ बूंदें बताशे पर टपका कर खा लें। एक सप्ताह तक यह प्रयोग करने से सोज़ाक रोग के कारण होने वाली जलन में भी आराम हो जाता है।

रात को एक गिलास पानी में गुलाब के १-२ फूल की पंखड़ियां डाल कर ढक कर रख दें। सुबह इसे मसल छान लें और एक चम्मच पिसी मिश्री घोल कर पी लें । जलन बन्द हो जाएगी। एक सप्ताह तक सेवन करें।