उदर व्याधि नाशक चूर्ण

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उदर व्याधि नाशक चूर्ण 

यह चूर्ण और इसकी विधि वैधराज लोलिम्बराज ने प्रदान की है। इस चूर्ण को अपनाकर बहुत से लोगो ने लाभ उठाया है। यह बनाने में बहुत आसान है। इसे तैयार करके हर समय घर पर रखना चाहिए।

सामग्री-  सौंठ ५० ग्राम, पीपल ४० ग्राम, अजमोद ३० ग्राम, अजवायन २० ग्राम, सेंधा नमक १० ग्राम तथा बड़ी हरड़ १५० ग्राम- सबको लेकर कूट पीस कर छान कर बारीक चूर्ण बना ले।

सेवन विधि- दोनों समय के भोजन के बाद आधा - पौना चम्मच चूर्ण सादे पानी से ले।

लाभ- यह चूर्ण पेट का अफारा, पेट में गुड़गुड़ाहट, दर्द, आंव, वायु गोला तथा मल विकारों का नाश करने वाला है। पेट में गैस व कब्ज होने पर भी यह लाभ करता है। पाचन शक्ति को मजबूत करता हैं जिससे गरिष्ठ भोजन भी हजम हो जाता हैं।

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उदर व्याधि नाशक चूर्ण 

यह चूर्ण और इसकी विधि वैधराज लोलिम्बराज ने प्रदान की है। इस चूर्ण को अपनाकर बहुत से लोगो ने लाभ उठाया है। यह बनाने में बहुत आसान है। इसे तैयार करके हर समय घर पर रखना चाहिए।

सामग्री-  सौंठ ५० ग्राम, पीपल ४० ग्राम, अजमोद ३० ग्राम, अजवायन २० ग्राम, सेंधा नमक १० ग्राम तथा बड़ी हरड़ १५० ग्राम- सबको लेकर कूट पीस कर छान कर बारीक चूर्ण बना ले।

सेवन विधि- दोनों समय के भोजन के बाद आधा - पौना चम्मच चूर्ण सादे पानी से ले।

 लाभ- यह चूर्ण पेट का अफारा, पेट में गुड़गुड़ाहट, दर्द, आंव, वायु गोला तथा मल विकारों का नाश करने वाला है। पेट में गैस व कब्ज होने पर भी यह लाभ करता है। पाचन शक्ति को मजबूत करता हैं जिससे गरिष्ठ भोजन भी हजम हो जाता हैं।