पेट का दर्द

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पेट दर्द के कई कारण होते हैं। इन कारणों का उचित निदान करके कारण दूर करना चाहिए और उस कारण से उत्पन्न हुए शूल को ठीक करने का इलाज करना चाहिए । क़ब्ज़ के कारण मल सूखने, वात प्रकोप (गैस ट्रबल) होने और अधोवायु न निकलने, पेट में अलसर होने, कोलाइटिस यानि आंत में सूजन होने आदि कारणों से पेट में दर्द होता है। 

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पेट दर्द के कई कारण होते हैं। इन कारणों का उचित निदान करके कारण दूर करना चाहिए और उस कारण से उत्पन्न हुए शूल को ठीक करने का इलाज करना चाहिए । क़ब्ज़ के कारण मल सूखने, वात प्रकोप (गैस ट्रबल) होने और अधोवायु न निकलने, पेट में अलसर होने, कोलाइटिस यानि आंत में सूजन होने आदि कारणों से पेट में दर्द होता है। यहां कुछ उपाय प्रस्तुत किये जा रहे हैं।

वात प्रकोप के कारण पेट फूलने और अधोवायु न निकलने पर पेट का तनाव बढ़ता है जिससे पीड़ा होती है। अजवायन और काला नमक पीस कर, दोनों समान मात्रा में मिला कर रख लें। इसे १ चम्मच मात्रा में गर्म पानी के साथ फांकने से अधोवायु निकल जाती है जिससे पेट का तनाव और दर्द मिट जाता है। हिंग्वष्टक चूर्ण या शिवाक्षार पाचन चूर्ण का सेवन करने से भी तुरन्त आराम हो जाता है।

अमृतधारा की ३-४ बूंद बताशे पर टपका कर खाने से पेट दर्द में आराम हो जाता है।

दवाई की दुकान से 'बस्कोपेन कम्पोज़िटम' नामक टेबलेट लाकर एक टेबलेट पानी के साथ खाने से पेट दर्द में तुरन्त राहत मिलती है।

अपच के कारण पेट दर्द हो रहा हो तो एक बड़ा चम्मच भर (लगभग १० ग्राम) साबुत राई १ कप पानी के साथ बिना चबाए निगल जाएं। आराम हो जाएगा।

ईनो फूट साल्ट की शीशी घर में रखना चाहिए। उदर विकार के कारण पेट दर्द होने पर ईनो फूट साल्ट पानी में घोल कर पीने से बड़ी जल्दी आराम होता है।